कोरोनावायरस के कारण देश में वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ा है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार इस दौरान भारत के शीर्ष 14 अरबपतियों ने लगभग 4 लाख करोड़ रुपए गवाए हैं। मुकेश अंबानी भी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की टॉप 20 की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। कोरोना के कारण इक्विटी बाजार में भारतीय निवेशकों का अभी तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधे आकार के बराबर पैसा डूब चुका है। बीएसई के सभी सूचीबद्ध शेयरों का कुल बाजार 3 महीने में 52 लाख करोड़ रुपए नीचे आ गया है। यह 31 दिसंबर, 2019 को 155.53 लाख करोड़ रुपए था जो 23 मार्च, 2020 तक 103 लाख करोड़ रुपए रह गया। यह घाटा भारत के वित्तीय वर्ष 2020 के संशोधित वित्तीय घाटे से सात गुना ज्यादा है।
टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हुए मुकेश अंबानी
1 जनवरी के बाद से, यानी 3 माह से भी कम समय में मुकेश अंबानी की दौलत करीब 42 फीसदी घट गई है। यानी हर 100 करोड़ रुपए में से उनके 42 करोड़ रुपए कम हो गए। यही नहीं कोरोना के चलते लंबे समय बाद मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में शामिल टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक 20 मार्च तक मुकेश अंबानी की दौलत 3,440 करोड़ डॉलर यानी 2,56,280 करोड़ रुपए रह गई थी। जबकि 1 जनवरी 2020 को उनकी कुल दौलत 4,36,570 करोड़ रुपए थी। यानी, इसमें करीब 1,80,290 करोड़ रुपए की कमी आ गई। इस लिस्ट में अमेज़न.कॉम के संस्थापक जेफ बेजोस 11600 करोड़ डॉलर सम्पत्ति के साथ टॉप पर हैं।
सोमवार को हुआ था 14.22 लाख करोड़ का नुकसान
शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति डूब गई। इस दौरान बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए। सोमवार को निवेशकों को अब 14 .22 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं मार्च में अभी तक इन्वेस्टर्स का 42.46 लाख करोड़ रूपए डूबा है।
44 सत्रों में 37 प्रतिशत की गिरावट आई
बेंचमार्क सूचकांकों में केवल 44 सत्रों में 37 प्रतिशत की गिरावट आई है! इसका मतलब है कि मात्र 44 दिनों में भारत की वार्षिक जीडीपी का 40 प्रतिशत का सफाया हो चुका है। 2008 में, बेंचमार्क इंडेक्स 200 सत्रों में 66 प्रतिशत गिर गए थे, जबकि 2011 में, 275 सत्रों में निवेशकों को 28 प्रतिशत का नुकसान हुआ था।